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विषनिषेक इव दुराचारः | #नीतिवाक्यमृत

विषनिषेक इव दुराचारः सरवान् गुणान्  दुष्ययति।
-नीतिवाक्यमृत

विषके छिड़काव के समान दुष्ट आचरण सभी गुणों को नष्ट कर देता है ।

like sprinkling of poison, bad character vitiates all qualitest.

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