इह लोकेSपि धनिनां परोSपि स्वजनायते |
स्वजनोSपि दरिद्राणां तत्क्षनाद्दुर्जनायते ||
-सुभाषित रत्नाकर
अर्थ - इस संसार मे धनवान से अपरिचित अथवा पराये लोग अपने सगे संबंधियों की तरह सद्व्यवहार् करते हैं , किन्तु दरिद्र निर्धन व्यक्तिसे तो उसके अपने ही रिश्तेदार अतः सम्बन्धी दुष्ट/नीच व्यक्तियों जैसा कुव्यवहार करते हैं |
Meaning:
In this world, even strangers behave politely with rich persons as their own relative., but in the case of destitute person even their own (blood) relative treat them scoundrelly.
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