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सुखं वा यदि वा दुःखं प्रियं...... #महाभारत

सुखं  वा यदि वा दुःखं प्रियं वा यदि वाप्रियम्‌।
प्राप्तं प्राप्तमुपासीत हृदयेनापराजितः।।
-महाभारत

सुख हो या दुख, प्रिय हो या अप्रिय, जब जो कुछ  प्राप्त हो उसे
उस समय हर्ष से स्वीकार करें अपने हृदय से उसके समाने पराजय स्वीकार ना  करें (हिम्मत ना हरें )

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