-->

भैशज्यमेदत्‌ दुखस्य..... #महाभारत

भैशज्यमेदत्‌ दुखस्य  यदेतन्ननुचीन्तयत।
चीन्त्यमानं हि चाभ्येती भूवश्चापि प्रवर्तते।।
-महाभारत

दुखो को दूर करने के लिए सबसे अच्छी दवा यही है कि उसका चिंतन छोड़ दे , क्योंकि उसका चिंतन करने से अधिक दुख बढ़ता है ।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ