अरक्षिता दुर्विनीतो मानी स्तब्धोsभ्यसूयकः।
एनसा युज्यते राजा दुर्दान्त इति चोच्यते।।
-महाभारत
जो राजा प्रजा की रक्षा नही करता, जो उद्दंड, मानी अकड़ रखनेवाला और दूसरों के दोष देखनेवाला है
वह पाप्से संयुक्त होता है और लोग उसे दुर्दान्त कहते है.
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अरक्षिता दुर्विनीतो मानी स्तब्धोsभ्यसूयकः।
एनसा युज्यते राजा दुर्दान्त इति चोच्यते।।
-महाभारत
जो राजा प्रजा की रक्षा नही करता, जो उद्दंड, मानी अकड़ रखनेवाला और दूसरों के दोष देखनेवाला है
वह पाप्से संयुक्त होता है और लोग उसे दुर्दान्त कहते है.
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