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बहवो गुरवो लोके शिष्य.......

बहवो गुरवो लोके शिष्य वित्तपहारकाः ।
क्वचितु तत्र दृश्यन्ते शिष्यचित्तापहारकाः ॥

जगत में अनेक गुरु शिष्य का वित्त अर्थात धन हरण करनेवाले होते हैं; परंतु, शिष्य का चित्त (मन) हरण करनेवाले गुरु शायद हि दिखाई देते हैं ।

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